PUNYABHU TUM PARAM PRIYA HO
पुण्यभू तुम परम प्रिय हो
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पुण्यभू तुम परम प्रिय हो --- 2
सत्य चित्ते आयनंध मां --- 2
पुष्प थेरा थाव चरन मे --- --- 2
वंदना अभिनंदन
सत्य चित्ते आनन्ध मां
श्रुति का अस्थिथ थम हो, श्रुति का चैतन्य थम हो
श्रुति का सोनरिया थम हो, श्रुति का कान खान थम हो
सप्तेश्वर श्रुष्ठिनिनाधिते --- 2
चिराया लोकीक चन्द माँ
सत्य चित्ते आनन्ध मां
रूप का उकर थम हो, कल्पनापान साकर थम हो
शक्ति का आधार थम हो, भाव कुंजा विचर थम हो
नव कला के पंके पेली --- 2
दिव्य रोप विहंग माँ
सत्य चित्ते आनन्ध मां
यदि आप चाहते हैं, तो आपको यह करना होगा,
कर्म का अभिषेक थम हो, सर्व सांप ईके थम हो,
तथव दर्शन प्रेसी पट्टाने से --- 2
मंडे मंडे सुगंध मां
सत्य चित्ते आनन्ध मां
PUNYABHU TUM PARAM PRIYA HO |
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