YuddhaBheri Garjati (Marathi)
युद्धभेरी गर्जती
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युद्धभेरी गर्जती दुंदुभी निनादती
संगरार्थ शूरवीर चालले रणाप्रती ॥ध्रु॥
भारतीय अस्मिता नीतिधैर्य शांतता
शत्रु ठाकला पुढे दानवीय क्रूरता
मृत्युदंड त्याजला ध्येय एक संप्रती ॥१॥
कंठ कंठ छेदणे शत्रुसैन्य तोडणे
सार्वभौम भारता सार्वभौम राखणे
विजयस्वप्न भूमिचे पेशी पेशी वाहती ॥२॥
सर्व धर्म मिळवुनी एक सौख्य चालते
एकराष्ट्र भावना अंतरात नांदते
स्फूर्तिदायी चेतना अणुणूत जागती ॥३॥
कुटिल नीति ठेवणे राष्ट्रकार्य जाहले
भीम पार्थ होनी भारतीय ठाकले
विकसनार्थ भूमिच्या रुधिरपाट वाहती ॥४॥
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