DishaDishas Bheduni Ninadatat Naubati (Marathi)
दिशादिशास भेदूनी निनादतात नौबती
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दिशादिशास भेदूनी निनादतात नौबती
पुढेपुढेच चालूया वाळु आता न मागुती ।।धृ।।
बिंदु-बिंदु जोडूनी हिन्दु-सिंधु उसळला
भेदभाव मोडूनी हिन्दु-हिन्दु मिसळला
एकटा नुरे कुणी समग्र हिन्दु संगती ।।१।।
ओठी संघगीत नित्य खेळणार सर्वदा
पेलणार शिव-धनुष्य झेलणार आपदा
वाकवून वादळे चालणार या पथी ।।२।।
केशरी ध्वजा फडकवू दिगंतरी
हेच ध्येय हाच ध्यास हीच आस अंतरी
वदेल विश्व घे प्रणाम विश्वगुरु भारती ।।३।।
राष्ट्राकारणी रूजू शक्ती बुद्धी संपदा
जीवने मने आम्ही वाहू मातृ भू पदा
विकसिली तिनेच जी फुले तिलाच अर्पिती ।।४।।
सहस्र वर्ष हा समाज सिंह जागुनी उभा
कोटी चन्द्र-सूर्यशी प्रखर लेवुनि प्रभा
सिद्ध हा समाजवीर संघ मात्र सारथी ।।५।।
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