बूढ़ा पीपल और मोहिनी

मोहिनी बूढ़ा था, परंतु उतना नहीं जितना कि पीपल । मोहिनी पीपल के पास जाता तो बच्चे कतारों में बैठ जाते । मोहिनी की दाढ़ी भी बहुत लम्बी थी, पीपल की जड़ों सी । बच्चे मोहिनी को �बूढ़ा दादा पीपल वाला� कहकर पुकारते थे । कभी-कभी जब मोहिनी को फुरसत मिलती तो पीपल के तने के सहारे बैठ जाता । कभी गीत सुनाता तो कभी जी भर कहानियां ।
बूढ़े मोहिनी के पास एक जादुई बांसुरी थी । जब वह उसको बजाता तो झूमने लगता । जिस डाल या स्थान पर वह बैठता तो वह भी जादुई बन जाता । तब जो भी उसे छू लेता, वह स्वयं ही नाचने लग जाता ।
एक दिन मोहिनी ने बच्चों से कहा - `बच्चों ! आज मैं तुम्हारे सामने इस पीपल के सभी जीव-जंतुओं को नचाउँगा ।`
बच्चे उत्सुकता से देख रहे थे । मोहिनी की ऊपर वाली डाल पर एक मोटा सा बन्दर था। बांसुरी बजाते ही मोहिनी ने उस शाखा को छुआ तो बन्दर धड़ाम से नीचे आ गया । बन्दर ने बूढ़े मोहिनी की लाठी उठाई और नाचने लगा । जब बन्दर भागने लगा तो मोहिनी ने उसे बांसुरी से छुआ और वह बैठ गया । दूसरे दिन मोहिनी ने पूरे पीपल को छुआ तो सभी पक्षी नाचने लगे। सबसे आगे मोर था, उसके पीछे सारे पक्षी ।
राजू ने एक दिन यह सब अपने स्कूल के प्रधानाध्यापक को बताया । उन्हें उसके कहने पर विश्वास नहीं हुआ । वे देखने आए तो देखा कि बूढ़ा मोहिनी बांसुरी बजा रहा है और बहुत से बच्चे नाच रहे हैं । वे बहुत हैरान हुए ।
राजू के स्कूल में कल से गर्मियों की छुट्टियां शुरु थीं । राजू ने मोहिनी दादा से कहा-`दादा जी, अब हमारी छुट्टियां हैं । अब से हम रोज सुबह से शाम आपके साथ ही रहेंगे ।`
दादा ने प्रेम से कहा- `नहीं, मेरे प्यारे बच्चों, अब मेरी भी छुट्टियां समाप्त हो गई हैं । आज शाम को एक जोर की आंधी आएगी । तुम दूर से ही मुझे नाचते देखना । तब मैं और पीपल दोनों ही यहां से चल देंगे । तुम खूब पढ़-लिख कर बड़े बनना । बूढ़े पीपल और अपने दादा को भी याद करना ।` यह कह कर मोहिनी दादा ने बांसुरी बजाई । हवा तेज बहने लगी । मोहिनी ने हाथ जोड़कर कहा - `अच्छा बच्चों ! अब हम जा रहे हैं ।` तभी धड़ाम से पीपल उखड़ कर गिरा । बच्चों ने चीखते हुए कहा - `मोहिनी दादा....।` सभी की आंखें नम थीं । अब न वह जादुई बांसुरी रही, न बूढ़ा पीपल और न ही बच्चों का मोहिनी दादा ।
लेखक : डॉ दिनेश चमोला
स्वर : श्री सतेंद्र दहिया
सामग्री राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के वैबसाइट से उपलब्ध कराई गई है।
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