Soneri Kiranat Amucha Dhwaj (Marathi)
सोनेरी किरणात अमुचा ध्वज
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सोनेरी किरणात अमुचा ध्वज डोले गगनात ॥ध्रु॥
रामचंद्र अन् श्रीकृष्णाची प्रताप राणा अन् शिवबाची
पराक्रमी या हिंदुत्वाची धगधगती ही ज्योत ॥१॥
पराक्रमाला ही साजेशी वैभव झळके दिव्य दशदिशी
अविरत राहो भव्य भविष्यी एकच आम्हा साथ ॥२॥
स्वार्थ निराशा आज चहुंकडे केवळ जगणे जिणे बापुडे
उत्तर याला कार्य रोकडे संघटनेचा हात ॥३॥
युगयुग आघात साहिले देव दानवांना नच चुकले
संस्कृतिचे परि तसेच उरले प्रतीक हे विश्वात ॥४॥
इतिहासाची पाने उलटू क्षितिजाच्याही सीमा पलटू
जगद्गुरूसिंहासन गाठू डुलेल ध्वज डौलात ॥५॥
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